कोई हो, तो...

कोई हो, तो...

यूँ नहीं कि, कोई अहसास नहीं, कुछ दर्द नहीं,
चीख़ भी लूँ, रो भी लूँ, लड़ भी सकूँ, कोई हो, तो... 

ज़िंदगी कि इस दौड़ में बेतहाशा भाग रहा हूँ,
ठहर भी लूँ, जी भी लूँ, कोई हो, तो...

ऐसा नहीं कि, थकान नहीं होती, नींद नहीं आती,
सुस्ता भी लूँ, सो भी जाऊँ, कोई हो, तो...

यूँ नहीं कि बोलना भूल गया हूं,
कह भी दूँ, जता भी लूँ, कोई हो, तो...

ऐसा नहीं कि मुस्कुराना नहीं आता,
हँस भी लूँ, खिलखिला कर, कोई हो, तो...

आज भी, वो धुन, वो ताल है याद मुझे,
गुनगुना लूँ, गा लूँ, थिरक भी लूँ, कोई हो, तो...

संजीदा रह रह कर थक सा गया हूँ अब मैं..
कुछ शरारत करूँ, थोड़ा बचपना, कोई हो, तो...

ख़ाब आ जाते हैं आज भी, कभी कभी,
उन्हें मुकम्मल भी कर लूँ, पर किसके लिये, कोई हो, तो...

कोई हो, तो...
जी लूँ, मर भी सकूँ, 
किसी के लिए, कोई हो, तो...