तू सच है, या है कोई सपना..

सच है तू, या है कोई सपना..

ठंढक सी मिल जाती है मेरी आखों को..
सुकून सा आ जाता है..इस रूह को..तुझसे..

देख तुझे थोड़ी देर आंखें बंद कर लेते हैं..
शायद तुझे पलकों में सहेज लेने की कोशिश हो..
लेते हैं एक लंबी सी सांस...
जैसे तुझे खुद में समा लेने की चाहत है..

ठंढक सी मिल जाती है..सुकून सा आ जाता है तुझसे...

चंचलता के साथ वो ठहराव
चपलता के साथ वो सादगी

संजीदगी के साथ वो बचपना
चतुरता के साथ वो भोलापन

ठंढक सी मिल जाती है..सुकून सा आ जाता है तुझसे...