सोचा समझा...ये नापा तौला ...प्यार ....

सोचा समझा...ये नापा तौला ...प्यार ....

न बचपना ..न पागलपन ...न शरारत ...
ये आज का ...SOPHISTICATED प्यार ...

न सात जन्म साथ जीने मरने के वादे ..न इरादे ..
ये तो है ...बहुत ही  UNDERSTANDING वाला प्यार ..

नहीं है बिलकुल भी POSSESSIVE ये प्यार ...
OPEN-MINDED ...और  COOL...ये प्यार ..

नहीं है ये एक दूजे की खामोशियों में खो जाने वाला प्यार ...
ये तो है ...PARTY ... DATE ... वाला HAPPENING प्यार ...

ये नहीं एक दुसरे की हर छोटी बात ... याद ...संजोने वाला प्यार ...
ये तो है ... GIFTS देकर ..याद दिलाने ...जताने वाला प्यार ...

कहाँ बना लेता था अपनी ..दो लोगों की ही दुनिया वो प्यार ..
ये है ...दूसरों से COMPARE .... COMPETE करता प्यार ..

सोचा समझा...ये नापा तौला ...प्यार ....
हाँ ..कहते हैं लोग इसे भी ... प्यार ....